Shaant Svabhaav - शांत स्वभाव - subh sanskar and sanskriti
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Thursday, January 25, 2018

Shaant Svabhaav - शांत स्वभाव


एक राजा था | जिसका स्वभाव बहुत ही अशांत था वह हमेशा लोगो की बातों पर बहुत ही जल्दी विश्वास कर लेता था एक दिन राजा अपने दरबार में बैठा था और लोगों की बातें सुन रहा था तभी राजा ने अपने मंत्री से पूछा ये बताओ क्या तुम किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हो जो राज्य के कर की वसूली का कार्य भार अच्छे तरीके से संभाल सके और अपने काम को पूरी ईमानदारी के साथ करे |

मंत्री ने राजा को उत्तर दिया राजा जी आप मुझे कुछ दिन का समय दीजिये मैं अवश्य ही किसी ईमानदार व्यक्ति को आपके पास जरूर लेकर आऊंगा जो इस काम को बहुत ही अच्छे ढंग से सभाल सकेगा | राजा ने कहा ठीक है तुम जल्द से जल्द किसी व्यक्ति को लेकर आओ जो इस काम को पूरा करे | अब मंत्री को किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश थी जो उस काम को सभाल सके |

मंत्री ने काफी तलाश की लेकिन उसे कोई भी ऐसा व्यक्ति नही मिला जो उस काम को करने की योग्यता रखता हो एक दिन मंत्री ने एक आदमी को देखा जिसका काम था लकड़ी को इकट्ठा करके बाजार में बेचना मंत्री उसके काम को देखकर बहुत ही प्रभावित हुआ और वह राजा के दरबार में गया और राजा से बोला राजा जी मैने उस व्यक्ति की तलाश कर ली है जिसे कर वसूली का कार्य भार सभालना है |

राजा यह सुनकर बहुत ही प्रसन्न हुआ और राजा ने पूछा कहा है वह व्यक्ति और क्या काम करता है मंत्री ने उत्तर दिया वह व्यक्ति यही पर मेरे साथ आया है और बाहर खड़ा है वह व्यक्ति लकड़ी को इकट्ठा करके बाजार में बेचने का काम करता है लेकिन राजा जी अगर आप इस व्यक्ति का काम देखेंगे तो आप भी इसके काम से बहुत ही संतुष्ट होंगे |

राजा ने मंत्री की बात को मानकर उसे कर वसूली का काम सौंप दिया और व्यक्ति ने सौंपा हुआ काम को सभाल लिया व्यक्ति को ये पता था राजा दूसरों की बातों में जल्दी आ जाता है और वह कभी भी मुझे इस काम से हटा सकता है |  अब उसे काम करते हुए बहुत दिन हो गये वह व्यक्ति एक छोटी सी कोठरी में रहता और जब भी वहा से काम करने को जाता तो उस कोठरी को ताले से बंद कर देता |

राजा से जाकर किसी ने कहा जिस व्यक्ति को आपने कर वसूली करने के लिए रखा है वह व्यक्ति जिस कोठरी में रहता है उसे धन से भर लिया है राजा ये बात सुनकर बहुत ही अशांत हुआ और उसने अपने सैनिको को भेजकर उसकी कोठरी की तलाशी लेने को कहा ये बात व्यक्ति को सुनकर बहुत ही दुख हुआ लेकिन वह व्यक्ति शांत स्वभाव का था |

जब सैनिकों ने तलाशी कर ली तो उन्हे वहा पर कुछ भी नहीं मिला वहा पर उस व्यक्ति का पुराना कपड़ा और कुछ सामान था यह देखकर राजा ने व्यक्ति से पूछा ये पुरानी चीजे क्यों जमाकर रखी है व्यक्ति ने उत्तर दिया मैं जानता था की आप लोगों की बातों में आ जाते है आप बहुत ही अशांत स्वभाव के है और किसी अशांत स्वभाव वाले व्यक्ति के यहाँ ज्यादा दिन ठहरना नही हो सकता |

इस लिये जिस तरह से आया था उसी तरह से घर लौट जाने की तैयारी में ये चीजे सभाल कर रखी है | राजा के रोकने पर भी वह व्यक्ति रुका नहीं और खाली हाथ अपने घर को लौट गया | 
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