स्त्रियों को पूजा का अधिकार - subh sanskar and sanskriti
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Monday, January 1, 2018

स्त्रियों को पूजा का अधिकार


पूजा और भगवान का पाठ जीवन को भव्य बनाने वाली विद्या है | उसकी उपासना से शुद्धि और आत्मा में सतोगुणी प्रकाश की वृद्धि होती है | जिससे विद्या,बुद्धि ,दया,करूणा ,प्रेम ,उदारता,शौर्य ,साहस और पवित्रता आदि की वृद्धि होती है | अतः प्रत्येक वर्ग के स्त्री -पुरुष को आत्मिक प्रगति और व्यक्तित्व के विकास हेतु गायत्री उपासना करनी चाहिए,परन्तु पिछले सैकड़ो वर्षो से महिलाओं को पूजा उपासना के लिए प्रतिबन्धित किया जाता रहा है | मध्यकाल में देश में जो आध्यतमिक अंधकार युग रहा उससे अनेक ऐसे निराधार मान्यताएँ उठ खड़ी हुई जिनके लिए न कोई विवाद था न बहाना | पूजा उपासना से इसी युग में नारी जाति को प्रतिबंधित किया गया |



कालान्तर में कुछ स्वार्थी तत्वों ने ऐसे श्लोक भी गढ़ लिए जो वैदिक मान्यताओं का प्रतिवाद करते हैं, पर यथार्थ तो यथार्थ ही है | थोड़ी-सी विवेक बुद्धि से भी वस्तुस्थिति को भली प्रकार हृदयंगम किया जा सकता है |
यह एक तथ्य है कि भारतवर्ष में सदा से स्त्रियों का समुचित मान रहा है उन्हे पुरुषो की अपेक्षा अधिक पवित्र माना जाता रहा है | स्त्रियों को बहुधा देवी नाम से सम्बोधित किया जाता है | देवताओं और महान पुरुषो के साथ उनकी अर्धांगिनियों के नाम भी जुड़े हुए हैं जैसे-सीताराम,राधेश्याम,गौरीशंकर आदि नामों में नारी को पहला और नर को दूसरा स्थान प्राप्त है | दया,करुणा,सेवा,सहानुभूति ,स्नेह,वात्सल्य,उदारता,भक्ति-भावना आदि गुणों में नर की अपेक्षा नारी को सभी विचारवानों ने चढ़ा-बढ़ा माना है |

इसलिये धार्मिक आध्यात्मिक और ईश्वर प्राप्ति सम्भंदि कार्यो मे नारी का सर्वत्र स्वागत किया गया है और उसे उसकी महानता कई अनुकूल प्रतिष्ठा दी गई हैं वेदो पर दृष्टिपात करने से  स्पष्ट हो जाता है कि वेदो के  मंत्रदृष्टा जिस प्रकार अनेक ऋषि हैं वैसे ही अनेक ऋषिकायें भी हैं | ईश्वरीय ज्ञान वेद महान आत्मा वाले व्यक्तियों पर प्रकट हुआ और उनने उन मन्त्रों को प्रकट किया | इस प्रकार जिन पर वैद प्रकट हुए उन मन्त्र दृस्टाओ को ऋषि कहते हैं | ऋषि केवल पुरुष ही नहीं हुये है वरना अनेक नारियाँ भी हुई हैं | ईश्वर ने नारियों के अन्तःकरण  में भी उसी प्रकार वेद ज्ञान प्रकाशित किया जैसे कि पुरुष के अन्तःकरण में ,क्योंकि प्रभु के लिये दोनों ही संतान समान है |

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