जीवन में अगर हमे आगे बढ़ना है तो समय के साथ चलना ही पड़ेगा क्योंकि समय अमूल्य है | इसका कोई भी मूल्य नही होता है | हम समय का सम्पूर्ण और उचित उपयोग करके अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते है | हमे समय का कोई भी भाग बेकार नही करना चाहिये क्योंकि एक बार समय अगर हाथ से चला गया तो वापस कभी लौट कर नही आता और फिर सोचने के अलावा हमारे पास कुछ भी नही रह जाता है | यदि हम दिन रात के चौबीस घंटे में सात घंटे सोने में निकाल भी दे तो भी हमारे पास सत्रह घंटे बचते है क्या हम इन सत्रह घंटो का सही उपयोग करते है |इसका उत्तर आप स्वयं से पूछ सकते है आप लोगो से अच्छा शायद ही कोई व्यक्ति इस प्रश्न का जवाब दे सके |
क्योंकि आप को पता होगा आप अपना समय किस क्षेत्र में ज्यादा दे रहे है, किस काम को ज्यादा महत्व दे रहे है क्या आप जिस क्षेत्र में या जिस काम मे अपना अमूल्य समय दे रहे है उससे आप की कामयाबी जुडी हुई है अगर कामयाबी जुडी है तो बेशक उस काम को महत्व दीजिये |
लेकिन अगर आप किसी ऐसे काम को कर रहे है जिसमे आप का न तो कोई लक्ष्य है न तो उस काम को करने में कोई कामयाबी हासिल होने वाली तो फिर इतना जरूर सोचे क्या ऐसे काम को करना या अपना समय देना उचित है |
हमे एक एक पल का उचित उपयोग करना चाहिये | परन्तु हम प्रायः देखते है हम अपना अमूल्य समय व्यर्थ में गवाते है अपना अधिकतर समय हँसी मजाक या किसी न किसी के बारे में बातें करके गवा देते है और इन सब कामों में हमे रुचि भी मिलती है क्या ऐसा करना उचित है | मेरी समझ से ऐसा करना कदापि ही उचित नही है इतना समय अगर हम अपने आप को बनाने और सुधारने में लगा दे तो हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में एक कदम और आगे बढ़ जायेंगे |
समय के साथ साथ चलना और समय का सही उपयोग करना हमे सीखना ही पड़ेगा | अगर हमने ये ज्ञान अर्जित कर लिया तो कामयाबी मिलने में देर नही लगेगी |