Bhagavaan Ka Darshan - भगवान का दर्शन - subh sanskar and sanskriti
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Saturday, January 20, 2018

Bhagavaan Ka Darshan - भगवान का दर्शन


इस दुनिया में कुछ भी ऐसा नही है जो की प्राप्त न किया जा सके आज की ये कहानी भी इसी बात पर आधारित है

एक छोटा सा बच्चा था वह एक गाँव में अपने माता और पिता के साथ रहता था बच्चे के माता और पिता दोनों ही बहुत धार्मिक थे एक दिन की बात है बच्चे के पिता को शहर में बहुत जरूरी काम था जिसकी वजह से उन्हे शहर जाना पड़ा अब घर में माँ और सिर्फ उसका बच्चा था कहते है बच्चे जो अपने माता और पिता से सीखते है वही बच्चे भी करते है |

एक दिन बच्चे की माँ का स्वास्थ ठीक नही था इस कारण से उसने पूजा और पाठ नही की उसने अपने बच्चे से कहा बेटा आज तुम मंदिर चले जाओ और नदी के तट पर स्नान करके वहा पर पंडित जी से पूजा और पाठ करवा लेना और भगवान के दर्शन करके ही वापस आना बच्चे ने माँ की बात मानी और भगवान के दर्शन करने के लिये मंदिर चल पड़ा |

बच्चे ने देखा नदी में पंडित जी स्नान कर रहे थे और साथ में भगवान का नाम जप रहे थे पंडित जी को स्नान करता हुआ देखकर बच्चे ने भी वैसे ही स्नान किया और वैसे ही भगवान का नाम जपने लगा ये देखकर पंडित जी को लगा कि बच्चा उनका उपहास कर रहा है और पंडित जी उस बच्चे पर क्रोधित हो गये और जब वह पंडित जी के पास गया और कहने लगा |

पंडित जी आज मुझे पूजा पाठ करके भगवान के दर्शन करने है पंडित जी ने बच्चे से कहा आओ पूजा और पाठ मै कर देता हूँ और जब पूजा करके पंडित जी जाने लगे तो बच्चे ने पूछा पंडित जी आपको भगवान का दर्शन मिला पंडित जी ने कहा मुझे तो भगवान का दर्शन हो गया है तुम भी यहाँ बैठ कर भगवान का नाम जपते रहो तुमको भी भगवान का दर्शन जरूर होगा |

बच्चे ने पंडित जी की बात मानी और वहा पर बैठ कर भगवान का नाम जपना शुरू कर दिया क्योंकि उसकी माँ ने भी बोला था भगवान का दर्शन करके ही वापस आना बच्चे को बहुत देर हो गयी बच्चे ने कुछ खाया भी नहीं था लेकिन बच्चा भगवान का नाम जपता रहा रात हो गयी तब भगवान वहा पर प्रकट हुए और बोला बेटा मै ही भगवान् हूँ अब तुम मेरा दर्शन कर लिये अब तुम घर को लौट जाओ |

बच्चे को यकीन नही हुआ की वो भगवान है और वह कहने लगा आप अगर भगवान है तो यही रुकिये मैं पंडित जी को बुलाकर लाता हूँ उसके बाद ही मुझे यकीन होगा कि आप ही भगवान है और वह पंडित जी को बुलाने के लिये उनके घर गया और पंडित जी से बोलने लगा कोई मंदिर पर आया है और बोल रहा है मै भगवान हूँ पंडित जी ने पहले तो उसे मना कर दिया |

लेकिन बच्चे की हट देखकर पंडित जी ने उसकी बात मान ली और उस बच्चे के साथ मंदिर के लिये निकल पड़े जब पंडित जी मंदिर पर पहुंचे तो उन्होने देखा की वहा पर सचमुच भगवान थे और पंडित जी भगवान के चरणों पर गिर पड़े और कहने लगे भगवान आज इस बच्चे की वजह से आप का दर्शन पाकर मैं धन्य हो गया तब जाकर बच्चे को यकीन हुआ कि यही भगवान है और वो अपने घर को लौट गया |






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