व्यक्ति ने वृद्ध की बातों को सुनकर अपना संतोष जाहिर किया और बोला की आप के बताने के अनुसार तो आप का जीवन बहुत ही अच्छी तरह से बीता है लेकिन इस वृद्ध अवस्था में आपका जीवन कैसे व्यतीत हो रहा है क्या आप मुझे ये बता सकते है आख़िरकार वृद्ध ने व्यक्ति की बातें सुनकर उसे अपने वृद्ध अवस्था की बात बताने के लिये तैयार हो गया |
वृद्ध ने मुस्कुराते हुए व्यक्ति को अपनी बात बताना प्रारम्भ किया उसने कहा मैं अपने बेटों को अपना कार्य भार सौंप कर बहुत ही निश्चिंत हो गया हूँ वो जो कहते है मैं उसे बड़े ही अच्छे ढंग से कर देता हूँ | जो खिलाते है उसे मैं खा लेता हूँ और मैं उनके बच्चो के साथ हमेशा हसता और खेलता रहता हूँ जब उनके बच्चे कोई गलती करते है फिर भी मैं उन्हे नही डाँटता हूँ और चुप रहता हूँ |
मैं कभी भी अपने बेटों को किसी भी प्रकार का काम करने से नही रोकता हूँ लेकिन जब भी वो मेरे पास कोई सलाह लेने आते है तो मैं अपने अनुभव को उनसे बांटता हूँ और उनके द्वारा किये गये कामों से होने वाले गलत परिणाम से उनको सचेत करते हूँ वह मेरी दी गयी सलाह पर कितना चलते है या मेरी बताई गयी बात पर कितना ध्यान देते है |
यह देख कर मैं अपना दिमाक ख़राब नहीं करता हूँ वह मेरे बताये गये रास्ते पर चले ये भी देखना मेरा काम नही है सलाह देने के बाद भी वह भूल करते है तो भी मैं कभी अपना दुख प्रकट नहीं करता हूँ | उस पर भी वो कभी मेरे पास आते है तो उनके लिये हमेशा मेरा दरवाज़ा खुला रहता है और फिर से मैं उन्हे अच्छी सलाह देकर उनको अपने पास से जाने देता हूँ |
ये सारी बात सुनकर व्यक्ति को बहुत ही प्रसन्ता हुई और उस व्यक्ति ने वृद्ध को कहा कि अब मुझे पता चल गया है जीवन कैसे जिया जाता है |