BHAGWAN KE SEWA KARTAI HAI TO HONAI WALAI APRADH SAI KAISE BACHE भगवान की सेवा करते है तो होने वाले अपराध से कैसे बचे - subh sanskar and sanskriti
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Monday, March 25, 2024

BHAGWAN KE SEWA KARTAI HAI TO HONAI WALAI APRADH SAI KAISE BACHE भगवान की सेवा करते है तो होने वाले अपराध से कैसे बचे

 



आप भी अगर घर में भगवान की सेवा करते है तो होने वाले अपराध से कैसे बचे दोस्तों आज मैं आप को यही  बताने जा रहा हूँ जैसा की हम सब के घर में मंदिर होती है जिसमे हम अपने आराध्य भगवान ठाकुर जी या माता रानी की प्रतिदिन सेवा करते है हम सेवा तो बड़े मन से करते है लेकिन हम से प्रतिदिन अनजाने में कोई न कोई पाप होता है क्योंकि हमें इन सब बातो का ज्ञान होता नही है लेकिन फिर भी हमारे भगवान जो की बहुत ही दयालु और कृपालु है और हमारे हर पाप जो क्षमा के योग्य है उनसे हमें मुक्ति प्रदान कर देते है लेकिन हमरा कर्त्तव्य है की हमे उस हर बात का ज्ञान प्राप्त करना चाहिये जिससे हमारे द्वारा होने वाले पापों से बच सके 


दोस्तों मैं आप का ज्यादा समय न लेते हुए अब आप को ये बताने जा रहा हूँ ऐसे अपराध कौन से है जिससे हमे बचना चाहिए 


जैसा की घर में या मंदिर में जब भी आप भगवान की सेवा करे तो पैर में कभी भी पादुका या स्लीपर ना पहने अगर आप भगवान के दर्शन के लिये मंदिर जा रहे हो तो चमड़े से बनी वस्तु जैसे की पर्श और बेल्ट का भी इस्तेमाल न करे क्योंकि हम अपने स्वामी की सेवा कर रहे हैं आप कभी भी भगवान की प्रतिमा देखे आप को भगवान हमेशा नंगे पैर ही दिखेंगे जब हमारे भगवान जो की श्रष्टि के पालन करता हैं अगर हमारे प्रभु नंगे पैर रह सकते है तो हम तो प्रभु के सेवक है उनके दास है हमरा ये कर्त्तव्य बनता है कि हमेशा हमेंअपने प्रभु की सेवा या दर्शन नंगे पैर होकर ही करना चाहिए  


हमें ये भी ज्ञात होना चाहिए आज हम लोग भाग दौड़ में या रोज के काम में इतने व्यस्त हो गये है की भगवान का उत्सव मनाना भूल गये है जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी को ये पता ही नही है की कृष्ण जन्मास्टमी रामनवमी क्या  है कोशिस यही करे की आप अपने आराध्य देव का उत्सव जरूर मनाये अगर आप ऐसा नही करते है तो ये कार्य भी अपराध की श्रेणी में आता हैं 


जब भी आप भगवन का दर्शन करें तो हमेशा सास्टांग या पंचांग मुद्रा में ही भगवान को प्रणाम करे अगर आप ऐसा नही करते है तो ये भी अपराध की श्रेणी में आता हैं इसलिए हमेशा भगवान के समक्ष सास्टांग या पंचांग मुद्रा में ही भगवान को प्रणाम करे इससे प्रभु खुश होते है और हमे उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है 


कभी भी भगवान के समक्ष ऐसे कपड़े ना पहने जिसका आप ने इस्तेमाल शौच के समय किया हो इससे हमारी बुद्धि दूषित होती है और इससे भगवान के भजन में भी रुकावट आती है क्योंकि इस अवस्था में आप जिस भी वस्तु का स्पर्श करेंगे वह अपवित्र हो जायेगी इसलिये ये कार्य भी अपराध की श्रेणी में आता हैं  


कभी भी आप भगवान को एक हाथ से प्रणाम ना करे भगवान ने आप को दो हाथ दिये है हमेशा आप दोनों हाथ को जोड़कर और सर झुका के ही प्रणाम करें इस कार्य से आप का हृदय पवित्र होता है 


प्रभु की परिक्रमा हमेशा करते समय प्रभु के सामने पहुंचते ही हाथ जोड़कर सर झुकाकर प्रणाम करें और फिर अगली परिक्रमा ऐसे ही करें प्रभु के सामने कभी भी पैर फैलाकर कभी ना बैठे अगर आप के पैर में कोई चोट लगी हो तो आप उतनी ही देर प्रभु के सामने खड़े रहे जितनी देर तक आप खड़े होने या बैठने में सामर्थ हो अगर आप ऐसा नही करते है तो आप का ये कार्य भी अपराध की श्रेणी में आता हैं 


अतः आप से विनम्र निवेदन है कि आप को जितनी भी बातें बताई गयी है आप इसका पालन जरूर करें इस कार्य को करने से आप को भगवान कि विशेष कृपा की प्राप्ती होगी | 



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