बच्चों का FUTURE मजबूत बनाना है तो देखने की नही समझने और सीखने की भावना का विस्तार करें If you Want to Strengthen the future of Children, then Expand the Sense of Understanding and Learning, not just Seeing. - subh sanskar and sanskriti
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Tuesday, March 26, 2024

बच्चों का FUTURE मजबूत बनाना है तो देखने की नही समझने और सीखने की भावना का विस्तार करें If you Want to Strengthen the future of Children, then Expand the Sense of Understanding and Learning, not just Seeing.



बच्चों का FUTURE मजबूत बनाना है तो देखने की नही समझने और सीखने की भावना का विस्तार करें
मैं आप को ये बात इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि हमारे बच्चों के अन्दर सिर्फ देखने की भावना का विस्तार हो रहा है लेकिन ऐसा हो क्यों रहा है इसके पीछे का कारण क्या है और इसका हमारे बच्चों के भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा आज का विषय यही है अगर आप अपने बच्चों का भविष्य और साथ में देश का भविष्य मजबूत बनाना चाहते हैं तो आपको इस बात पर चिन्तन जरूर करना चाहिये 


आज हमारे बच्चे ऐसा क्यों कर रहे है तो मैं आप को बता रहा हूँ इसके पीछे का कारण हम और आप है क्योंकि आज हम कर क्या रहे है सिर्फ देख रहे एक तो मोबाइल हो गया दूसरा टेलीविज़न हो गया अब तो बच्चों की पढ़ाई भी देख कर हो रही है बड़ी बड़ी कम्पनिया तो आकर्षक आकर्षक पैक लेकर आ गयी हैं वो बच्चो को घर बैठै दिखा रही हैं आखिर क्या तो इसका जवाब हैं अगर संतो की वाणी में कहा जाये तो माया और आज की वाणी में कहा जाये तो सपना जिसकी शुरुवात तो हैं पर अंत नही है
 


मेरे कहने का तात्पर्य है बच्चों को समझाए सिर्फ देखने से ही कुछ होने वाला नही है अगर वो शिक्षा या खेल को सिर्फ देखने की भावना से ग्रहण कर रहे हैं तो इस से कुछ होने वाला नही हैं उनके अंदर समझने और सीखने की भावना का विस्तार करें लेकिन आप ऐसा कर नही सकते क्योंकि आप के पास समय का अभाव इतना है की पूछिये ही नही मेरा कहना है समय निकालिये बात बच्चों के भविष्य की हैं 


अगर बच्चों का भविष्य अंधकार में नही चाहते हैं तो समय का उपयोग कीजिये क्योंकि अगर समय चला गया तो सिर्फ एक ही चीज बचेगी जिसको कहते है पछतावा 


कल मैं एक बच्चे से मिला मैने पूछा बेटा क्या करते हो तो बच्चे ने जवाब दिया मैं पढ़ाई करता हूँ मैने बोला बेटा अच्छा हैं शिक्षा बहुत ही जरूरी हैं उसके साथ उसकी माता जी थी उन्होंने बोला भाई साहब इसकी पढ़ाई पर बहुत ही पैसा खर्च होता हैं फिर मैने जवाब दिया बेटे का भविष्य मजबूत करना है तो पैसे की चिंता क्यों करती है 


इतने में बच्चा बोला मुझे खेलने का समय भी नही मिलता हैं अब मैं सोचने पर मजबूर हो गया क्या समय आ गया है
 
ये तो बड़ा ही दुखद है इतने में माता जी बोली बेटा खेलते तो नही पर देखते तो हो अब मैंने पूछा माता जी क्या इतने में माता जी बोलती हैं मोबाइल पर पढ़ाई तब मैंने माता जी को समझया सिर्फ दिखाइये नही बच्चे को कॉपी दीजिये और उसपर हर विषय का नोट्स बनवाइये उसे समझाइये और सिखाइये नही तो आज बच्चा मोबाइल पर पढ़ाई देखेगा और बाद में आप उसे देखेंगी 

दोस्तों अभिवाक का काम सिर्फ देखना नही होता है अगर आप बच्चो का सचमुच भविष्य बनाना चाहते है तो उनको समझाइये और सिखाइये जिससे बच्चों को सही मार्ग दर्शन मिल सके 
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