मैं आप को ये बात इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि हमारे बच्चों के अन्दर सिर्फ देखने की भावना का विस्तार हो रहा है लेकिन ऐसा हो क्यों रहा है इसके पीछे का कारण क्या है और इसका हमारे बच्चों के भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा आज का विषय यही है अगर आप अपने बच्चों का भविष्य और साथ में देश का भविष्य मजबूत बनाना चाहते हैं तो आपको इस बात पर चिन्तन जरूर करना चाहिये
आज हमारे बच्चे ऐसा क्यों कर रहे है तो मैं आप को बता रहा हूँ इसके पीछे का कारण हम और आप है क्योंकि आज हम कर क्या रहे है सिर्फ देख रहे एक तो मोबाइल हो गया दूसरा टेलीविज़न हो गया अब तो बच्चों की पढ़ाई भी देख कर हो रही है बड़ी बड़ी कम्पनिया तो आकर्षक आकर्षक पैक लेकर आ गयी हैं वो बच्चो को घर बैठै दिखा रही हैं आखिर क्या तो इसका जवाब हैं अगर संतो की वाणी में कहा जाये तो माया और आज की वाणी में कहा जाये तो सपना जिसकी शुरुवात तो हैं पर अंत नही है
मेरे कहने का तात्पर्य है बच्चों को समझाए सिर्फ देखने से ही कुछ होने वाला नही है अगर वो शिक्षा या खेल को सिर्फ देखने की भावना से ग्रहण कर रहे हैं तो इस से कुछ होने वाला नही हैं उनके अंदर समझने और सीखने की भावना का विस्तार करें लेकिन आप ऐसा कर नही सकते क्योंकि आप के पास समय का अभाव इतना है की पूछिये ही नही मेरा कहना है समय निकालिये बात बच्चों के भविष्य की हैं
अगर बच्चों का भविष्य अंधकार में नही चाहते हैं तो समय का उपयोग कीजिये क्योंकि अगर समय चला गया तो सिर्फ एक ही चीज बचेगी जिसको कहते है पछतावा
कल मैं एक बच्चे से मिला मैने पूछा बेटा क्या करते हो तो बच्चे ने जवाब दिया मैं पढ़ाई करता हूँ मैने बोला बेटा अच्छा हैं शिक्षा बहुत ही जरूरी हैं उसके साथ उसकी माता जी थी उन्होंने बोला भाई साहब इसकी पढ़ाई पर बहुत ही पैसा खर्च होता हैं फिर मैने जवाब दिया बेटे का भविष्य मजबूत करना है तो पैसे की चिंता क्यों करती है
इतने में बच्चा बोला मुझे खेलने का समय भी नही मिलता हैं अब मैं सोचने पर मजबूर हो गया क्या समय आ गया है
ये तो बड़ा ही दुखद है इतने में माता जी बोली बेटा खेलते तो नही पर देखते तो हो अब मैंने पूछा माता जी क्या इतने में माता जी बोलती हैं मोबाइल पर पढ़ाई तब मैंने माता जी को समझया सिर्फ दिखाइये नही बच्चे को कॉपी दीजिये और उसपर हर विषय का नोट्स बनवाइये उसे समझाइये और सिखाइये नही तो आज बच्चा मोबाइल पर पढ़ाई देखेगा और बाद में आप उसे देखेंगी
दोस्तों अभिवाक का काम सिर्फ देखना नही होता है अगर आप बच्चो का सचमुच भविष्य बनाना चाहते है तो उनको समझाइये और सिखाइये जिससे बच्चों को सही मार्ग दर्शन मिल सके